Sunday, June 28, 2020

* माँ का प्यार *

Meri kahaniya 


                 माँ का प्यार, 

......😊तीन वर्षीय टिंकू कुर्सी पर झूलते झूलते मोबाइल चला रहा था...
अचानक कुर्सी टूट गई ...
टिंकू धडाम से जमीन पर गिरा ....ये देखकर उसका बडा भाई दौड़ते हुए आया और मोबाइल छीनते हुए बोला
इसीलिए मे तुझे मोबाइल नही देना चाहता....
तबतक पिताजी भी वहां पहुंच गए....
थप्पड़ों की बरसात करते हुए बोले...नालायक...
कितनी बार तुझे कहा है कुर्सी बैठने के लिए होती है झूला झूलने के लिए नही ...
इतनी पुरानी मनपसंद कुर्सी तोड दी ...
आज से तेरी पाँकेटमनी बंद....
तबतक रसोईघर में काम कर रही मां भी दौड़ती हुई आई ...टिंकू को गोद मे उठाकर पुचकारते हुए बोली 
मेरे बच्चे ...कही चोट तो नही लगी ...
शरीर पर इधर उधर देखने लगी और फूंक मारकर हाथ पैरों को सहलाने लगी ....
टिंकू का कोमल मन प्यार का असल मतलब समझने की चेष्टा कर रहा था....
दोस्तों यहां मे किसी परिवार के सदस्य से मां के प्यार की तुलना नही कर रहा बल्कि बस यही बताने की कोशिश कर रहा हूं एक मां को बच्चे के चोट दुख और परेशानियों का एहसास सबसे ज्यादा होता है ....
और उसकी वजह है ...वो दुनिया में आपको किसी से भी नौ महीने अधिक जानती है महसूस करती है...

thanku for read....

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