Friday, July 17, 2020

! * आर्मी मैन पार्ट - 3 * !

Hello, 

Yaha mene ek Aur Intresting Story di jo ki Army man ki life ke upar based hai ye hindi kahaniyon me se ek hai. asha karta hu ki apko Army man  ki ye hindi kahaniya jarur pasand ayengi.


फौजी....

काश.....जीवन ऐसा ही होता शांत, सुव्यवस्थित, निश्चिंत. बस वह भावना, उन का बच्चा और घर.... 
रात में नीचे किचन में जा कर शिवम् अपने लिए कौफी और भावना के लिए दूध ले आया....
‘‘वहां भी ड्यूटी यहां भी ड्यूटी… आप को तो कही पर आराम नहीं हैँ..... 
वहां से इतना थक कर आए हैं और यहां भी चैन नहीं है,’’ .. भावना दूध का गिलास लेते हुए बोली....
‘‘इस ड्यूटी के लिए तो कब से तरस रहा था....
भला तेरे लिए कुछ करने में मुझे थकान लग सकती है क्या...शिवम् प्यार से बोला....
‘‘इतना चाहते हो मुझे....भावना विह्वल स्वर में बोली....
‘‘तू मेरी सांस है. तेरे प्यार के सहारे ही तो जी रहा हूं,...शिवम् बोला. ...
सुबह उठते ही शिवम् ने भावना से पूछा..
‘‘क्या खाएगा मेरा बच्चा आज...’
‘‘कौर्नफ्लैक्स....भावना बोली.’’
शिवम् ने फटाफट दूध गरम कर उस में बादाम, पिस्ता डाल कर कौर्नफ्लैक्स तैयार कर के चाय की ट्रे के साथ बाहर बगीचे में ले आया....
दोनों झूले पर बैठ गए.... सुबह की ठंडी हवा चल रही थी सामने सूरजमुखी के पीले फूलों वाला टी सैट था...
साथ में भावना थी और वह पैरा कमांडो जो रातदिन देश की सुरक्षा की खातिर आतंकवादियों का पीछा करते मौत से जान की बाजी खेलता रहता,... आज की खुशनुमा सुबह अपने घर पर था. दोपहर का खाना दोनों ने मिल कर बनाया.... छुट्टियों में भावना के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने के उद्देश्य से शिवम् दोनों समय खाना बनाने में उस की मदद करता. बीच में बिरहा के बादल छंट जाते और प्यार की कुनकुनी धूप दोनों के बीच खिली रहती. दोपहर में वह उसे कोई कौमेडी फिल्म दिखाता, वही उस की पसंद के फल काट कर खिलाता. फिर खाना भी अपने हाथ से परोसता....
‘‘अरे मैं नीचे आ जाती ना…. आप ऊपर क्यों ले आए खाना... 
कितने चक्कर लगाओगे...’’ भावना बोली....
‘‘तुम्हारे लिए अभी बारबार सीढि़यां चढ़ना उतरना ठीक नहीं है... इसलिए मैं खाना ऊपर ही ले आया..
’’शिवम् ने थाली में खाना परोसते हुए बोला...
‘‘लीजिए....आप का पति आप की सेवा में हाजिर है....
‘‘कितनी सेवा करोगे जी...
‘हम तो सेवा करने के लिए ही पैदा हुए हैं जी... 
ड्यूटी पर भारत माता की सेवा करते हैं और छुट्टी में पत्नी की....’ शिवम् भावना को एक कौर खिलाते हुए बोला.
बीच बीच में शिवम् अपनी पोस्टिंग की जगह भी फोन कर वहां के हालचाल पता करता रहता....
आखिर वह एक फौजी था और फौजी कभी छुट्टी पर नहीं होता....
हर बार पोस्टिंग की जगह से फोन आने पर उस का दिल डूबने लगता कि कहीं वापस तो नहीं बुला रहे… 
कहीं किसी इमरजैंसी के चलते छुट्टी कैंसिल तो नहीं हो गई. कुल 22-23 दिन वह भावना के साथ रह पाता है, उस में भी हर पल मन धड़कता रहता कि कहीं छुट्टी कैंसिल ना हो जाए, क्योंकि पैरा कमांडो होने के कारण उस की जिम्मेदारियां बहुत ज्यादा थीं.....
शिवम् की छुट्टियां खत्म होने को थी अब रोज रात को वह अफसोस से भर जाता कि भावना  के साथ का एक और दिन ढल गया.... ऐसे ही दिन सरकते गए...
शिवम् रात में गैलरी में खड़ा सोचता रहता कि इस बार भावना को छोड़ कर जाना जानलेवा हो जाएगा. वह इस दौर में पूरा समय भावना के साथ रहना चाहता था....
अपने बच्चे के विकास को महसूस करना चाहता था इस बार सच में उस का जरा भी मन नहीं हो रहा था जाने का.... उस ने मन ही मन कामना की कि कम से कम अगली पोस्टिंग ऐसी जगह हो कि वह 2 साल तो अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रह पाएं.......

To be continued....... 


जय हिंद



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